रविवार, 24 अप्रैल 2011

भविष्य : एक प्रश्न

सारा माहौल ही बदरंग हो गया है,
चोर और सिपाही का संग हो गया है।
राज करना चाहते हो तो आओ सुनो ,
भीख में वोट मांगना ढंग हो गया है।
एक कुर्सी के कई दावेदार हैं यहाँ पर,
बेटे और बाप में ही जंग हो गया है।
क़त्ल करना अब कोई अपराध है नहीं,
क़त्ल तो राजनीति का अंग हो गया है।
बुद्धिजीवी बुद्धि को ही खा के हैं जी रहे
सब के सोच का दायरा तंग हो गया है।
महाभारत अब किताबों की चीज़ है कहाँ,
घर घर में महाभारत का प्रसंग हो गया है।
बैसाखियों का व्यापार जोरों पर है यहाँ,
दो टांग वाला सब देखो अपांग हो गया है।
गाँधी और बुद्ध की तुम अब बात मत करो,
उनके विषय के रंग में अब भंग हो गया है।
दूध की नदी अब दूध की रही नहीं यहाँ पर,
खून की नदी सा उसका देखो रंग हो गया है।
जुआ और शराब से लेकर बलात्कार तक,
आज के नवयुवकों का प्रेरक प्रसंग हो गया है।
हम तो बस निहार रहे इस देश के भविष्य को,
वह भविष्य जो अँधा, बहरा और लंग हो गया है।
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सच
झूठ का
चेहरा सच से
मिलता ही नहीं पर
सच और झूठ का रिश्ता
बहुत पुराना, मुलायम और नाज़ुक है।
इसलिए मुझे लगता है की तुम्हारा
और मेरा सम्बन्ध भी ऐसे
ही झूठ और सच
की तरह ही
नाज़ुक ,मुलायम
है।

17 टिप्‍पणियां:

Sushil Bakliwal ने कहा…

सभी कुछ उल्टा-पुल्टा हो गया है.

Vijuy Ronjan ने कहा…

Dhanyavaad vandana Ji.Charcha manch pe aa kar apne vicharon se awagat jarur karunga.yah manch bahut hi achha platform hai ...'

संजय भास्‍कर ने कहा…

गहन भावमय करते शब्‍द ।

रश्मि प्रभा... ने कहा…

bahut badhiyaa

विभूति" ने कहा…

bhut gahraayi darsaati rachna...

रश्मि प्रभा... ने कहा…

vatvriksh ke liye apni rachna rasprabha@gmail.com per bhejen tasweer parichay aur blog link ke saath

Vijuy Ronjan ने कहा…

Awashya Bhejunga Rashmi ji...Dhanyavad is awasar ke liye.

रजनीश तिवारी ने कहा…

bahut achchhi rachna

Kavita Prasad ने कहा…

बैसाखियों का व्यापार जोरों पर है यहाँ,
दो टांग वाला सब देखो अपांग हो गया है।
गाँधी और बुद्ध की तुम अब बात मत करो,
उनके विषय के रंग में अब भंग हो गया है।

kafi teekha baan mara hai aaj kal ke samaj par...

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

इसलिए मुझे लगता है की तुम्हारा
और मेरा सम्बन्ध भी ऐसे
ही झूठ और सच
की तरह ही
नाज़ुक ,मुलायम
है।

बहुत खूब ....

डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) ने कहा…

bahut hi sarthak v bhavmayi prstuti.........aapke blog par aaj pahli baar aana hua .........par sukhad raha aana .........aabhar

Sunil Kumar ने कहा…

बैसाखियों का व्यापार जोरों पर है यहाँ,
दो टांग वाला सब देखो अपांग हो गया है।
जीवन की सच्चाई वयां करती सुन्दर रचना , बधाई

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सटीक और भावपूर्ण सुन्दर रचनाएँ...

अनामिका की सदायें ...... ने कहा…

jabardast prahaar karti rachna.

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

आपने तो बड़ा सुन्दर कविता लिखी...बधाई.

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'पाखी की दुनिया' में 'पाखी बनी क्लास-मानीटर' !!

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत सटीक रचना ...सच और झूठ वाली भी ...

Amrita Tanmay ने कहा…

Vah! lagbhag - lagbhag sab kuchh samet lete hain aap...bahut kushalta se ek-ek mudda ko rekhankit karte hain jo andar tak prabhav dalti hai...bahut sundar..badhai....