कौन है जो याद करता है मुझे ,
कौन है जो संग मेरे गा रहा ।
कौन है जो उमड़ घुमड़ कर बादलों सा,
मेरे प्यासे मन को है तरसा रहा।
किसकी आँखें देखती हर पल मुझे,
कौन मेरे दिल की धड़कन को सुन रहा।
किसकी साँसों में महक उठता हूँ मैं,
कौन है जो मेरे लब से रंगत चुन रहा ।
किसकी जुल्फें रात का है साया बनी,
कौन है जो मुझको मदहोश किये जा रहा।
किसकी आँखों के समंदर में डूब मैं,
हर पल जिंदगी का मय पिए जा रहा।
क्या कहूँ तुमसे मैं तुम सब जानती हो,
वो जो भी है उसको तुम पहचानती हो।
आईना भी देता है तुम्हे प्रश्न का उत्तर,
फिर भी हकीकत को नहीं तुम मानती हो।
चलो कह ही देता हूँ की तुम मेरा प्यार हो,
मेरी कविता में प्रतिबिंबित तुम उदगार हो।
दिल की धड़कन में तुम ही हो गुम्फित प्रिये,
मेरे जीवन क़ा तुम ही तो अपूर्व श्रृंगार हो।
4 टिप्पणियां:
बहुत खूबसूरत और भाव पूर्ण रचना ....हर पंक्ति में प्यार बसा हुआ है ...
कौन है जो मुझको मदहोश किये जा रहा।
किसकी आँखों के समंदर में डूब मैं,
हर पल जिंदगी का मय पिए जा रहा।
क्या कहूँ तुमसे मैं तुम सब जानती हो,
कोमल भावों से सजी ..
..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
आप बहुत अच्छा लिखतें हैं...वाकई.... आशा हैं आपसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा....!!
कौन है जो याद करता है मुझे...bhut khubsurat rachna hai har kisi ke dil ka haal kahti hai...
Aapki kavita men pratibimbit udgar bara pyara hai...komal...kayas..ati sundar
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