मंगलवार, 29 जुलाई 2008

बस तुम्हारी याद का ही सहारा है

मैं कहूँ तुमसे की बस तू ही तो हमारा है
सच कहूँ बस तेरी यादों का ही सहारा है ।
दूर तक दिखती नही है आस मिलने की,
कर रहे हैं इन्तेज़ार फूल यहाँ खिलने की,
शाम ढलते ही जल जाते हैं यादों के चिराग,
दिल भी इंतज़ार करता है तड़प कर शाम ढलने की।
सच कहूँ बहती नदी का बस तू ही तो किनारा है,
बीच भंवर में डोलती नाव का बस तू ही सहारा है।
आ भी जाओ की मिल जाए मेरे दिल को करार,
सूने जीवन में हमारे भी आ जाए फिर बहार...

सोमवार, 21 जुलाई 2008


उलझी लटों को आओ मैं संवार दूँ ,

आओ मैं जी भर के तुम्हे प्यार दूँ ।

तुम चाँद बन मेरा घर रोशन करो ,

मैं आसमान बन के तेरा सत्कार करूँ ।

यूँ तो तुझसा है नही कोई सुंदर यहाँ पर ,

फ़िर भी आ तेरा मैं नित नया श्रृंगार करूँ ।

तेरे होठों पे सजा दूँ खुशबु -ऐ -गुलाब की ,

तेरी आँखों में नशा -ऐ -मोहब्बत उतार दूँ ।

तेरी धरकनो को दूँ मैं प्यार का सरगम ,

तेरी साँसों को मैं चंदन की खुमार दूँ ।

प्यार दूँ ,जी भर के तुझे मैं प्यार दूँ

तुझको तुझी से चुरा के मैं ,

आ अपनी दुनिया संवार लूँ ।




रविवार, 20 जुलाई 2008

कभी चांदनी में गूँथ लो मुझको


कभी चांदनी में गूँथ लो मुझको,

कभी तुम मुझको चंदन कर दो,

कभी रंग दो मुझे अपने ही रंग में,

कभी मेरेगीतों को अपना स्वर दो

कभी उतर आओ सावन की घटा बन कर ,

कभी मानस में समंदर सा लहर जाओ

कभी कोयल की तरह मधुर गीत गा कर,

मुझे अपनी बांहों में ले कर तुम सुलाओ ।

कभी आओ की आने की वजह के बिना,

कभी ना जाओ जैसे की रास्ता हो बंद,

कभी साँसों में घुल जाओ खुशबु की तरह,

जैसे घुली हो फूलों में मेहेकी सी मकरंद ।

कभी मेरी नींद आंखों से चुरा कर तुम,

सजा लो आंख में उसको काजल की तरह,

कभी अपनी जुल्फों को मेरे चेहरे पे बिखेरे,

छा जाओ मुझपे तुम घने बादल की तरह ।

मैं जानता हूँ तुम मुझे चाहती हो बहुत,

मिलने की ख्वाहिश तुम्हारे दिल में भी होती होगी,

तुम्हारी आँख में उस वक्त समंदर उतर आता होगा,

जब मेरी याद तुम्हे पल पल को सताती होगी...

मेरी आफरीन मैं आऊंगा लौट के पास तुम्हारे,

तुम्हारी जुल्फों में मैं गुलाब फिर सजाऊंगा,

तुम्हारे लिए जो नगमे मैंने हैं लिखे,

एक एक नगमे मैं तुम्हे बैठ के रोज़ सुनाऊंगा।

मैं लौट के तुम्हारे पास आऊंगा.....मैं लौट के तुम्हारे पास आऊंगा...





बुधवार, 16 जुलाई 2008

मुंबई की सड़क , सुबह की धूप और तुम्हारी याद

अपनी आँखे खोलो सजनी , रजनी बीत चली ,
कोयल के मीठे स्वर में प्रेम की गीत ढली ।
सुनकर उन गीतों को मैं करता तुझ को याद
आकर मेरे जीवन को तुम कर दो फिर आबाद ।
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तू ही मेरा रब है , तू ही मेरा है खुदा
होना ना यारब तू कभी मुझसे जुदा ।
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सुबह सुबह तेरी याद के बादल घुमर घुमर के बरसे
सुबह सुबह मेरा पागल मन तुझे देखने को तरसे ।
उठो प्रिये अब उठ भी जाओ,प्रेम गीत संग मेरे गाओ ।
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तू नही तो उदासी का घेरा है ,तेरे बगैर ये बोझल सवेरा है ,
तेरी यादें हैं जो दिल को राहत देती हैं,पलकों पे आंसुओं का पहरा है ।
तू जो आके मेरे सीने से लग जाए जानम , दिल को आराम और चैन मिले ।
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मेरे करीब आओ की कुछ चैन पड़े , प्यार के गीत सुनाओ की कुछ चैन पड़े ।
तेरे ना होने से सूनापन घेरे है , तू जो मेरे पास आए तो कुछ चैन पड़े ।
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सूरज की पहली धूप , बारिश की पहली बूँद , हवा का पहला झोंका ,चिरियों की पहली तान , फूलों की पहली मुस्कान , सब कुछ सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम्हारे लिए ।

शुक्रवार, 11 जुलाई 2008

जो तुम्हारे लिए हैं लिखे वो तुमको ही करता हूँ समर्पित

मुझे भुलाना भी चाहोगे तो भुला ना पाओगे तुम ,
पलकों पे ठहर जाऊंगा मैं आंसुओ की तरह ।
मैं साँस हूँ जीने के लिए तेरे दिल में ,
बस जाऊंगा धरकन की तरह।
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तेरी जुल्फें मेरे चेहरे पे गिरी जाती हैं ,
मेरी साँसे तेरी साँसों में डूब जाती हैं ।
तेरे बदन की खुशबु से ई जान -ऐ -अदा ,
साँसे भी महक महक जाती हैं।
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बीत गई है रात , हो गई है प्रात ।
करनी है मुझको तुझसे प्यारी प्यारी बात ।
उठो जनम सुबह हो गई , मिल कर पियें चाय ,
एक दुसरे के प्यार में हम यु ही डूब जाए ।
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आइये जनाब आ भी जाइये जनाब , मेरी आँख में ख्वाब सजाइए जनाब ।
मैं आपको लोरियां सुनाऊं , आप मेरे काँधे पे सर रख सो जाइए जनाब .
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आपके ख्यालों से फुर्सत नही मिलती ,
हमें एक पल की राहत नही मिलती ।
मिल तो जाता है सब कुछ ,
बस इतवार को झलक नहीं मिलती ।
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तू जो एक बार मुझे छू ले तो मैं संवर जाऊं ,
तू जो एक बार मुझे तो मैं नज़र पाऊं ।
तेरे लिए सिर्फ़ लिखते हैं गीत हम , तेरे लिए सिर्फ़ उन्हें मैं गाऊँ ।
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आपकी याद आती रही रात भर ,
घटायें बरसती रही रात भर ,
रात भर बिजलियाँ करकराती रही ,
हम आपके साथ भींगते रहे रात भर ।
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मेरी आँख से दुनिया देखो सब कुछ अच्छा दिखेगा ,
रंग बिरंगे सपने होंगे मन में चैन रहेगा , तू कई जनम का साथी है मेरा ,
तू कई जन्मों का साथी रहेगा ।
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चलो बारिश में भींग जाएँ ,
भीगते हुए एक दूजे की याद में खो जाएँ
चलो सो जाएँ , चलो सो जाएँ ।
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मुझको तो आपका बस फरमान चाहिए ,
मौजूद जान भी है अगर जान चाहिए ।
कुछ भी रहा ना दिल में तेरी याद के सिवा ,
इस घर के वास्ते येही मेहमान चाहिए ।
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रात भर मेरी गोदी में सर रख तुम लेटी रही,
रात भर मैं तुम्हारा सर सहलाता रहा ।
रात भर तुम चैन से सोती रही ,
रात भर मैं तुम्हे प्यार में नहलाता रहा ।
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सुबह हो गई अब उठ जाओ ,
आओ मेरे संग प्रेम गीत गाओ,
तुम दौर के आके मेरे सीने से लग जाओ ,
कभी कानो में मेरे चुपके से गुनगुनाओ ।
कभी शर्मा के दांतों में उँगलियाँ दबा ओ ,
कभी ऐसे आओ की लौट के ना जाओ ...
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बुधवार, 9 जुलाई 2008

जहाँ मेरे स्वप्न पला करते हैं

मुमकिन है तुम्हें याद आए वो पल
जब मैंने गूंथा था तुम्हारी जुल्फों में बादल,
जब तुम्हारे चेहरे को छू सूरज रोशन हुआ था,
जब तुम्हारी आंखों में लहराया था सागर,
जब तुम्हे सीने से लगा मैंने जिंदगी की साँसे ली,
जब तुम्हारे होंठ से चुरा ली थी अमृत की एक धार,
जब मैंने तुम्हारे सीप सी आंखों में झाँक कर था कहा,
तुम्ही हो.... हाँ तुम्ही तो हो मेरी जिंदगी का प्यार।
तुमसे ही ही सागर,तुमसे ही हवा और आकाश,
तुमसे ही रूप, तुमसे ही रंग, तुमसे ही है हेर तरफ़ बहार...
मेरी आफरीन .....तू है सबसे हसीं...
तू है सबसे अलग ,तू सबसे जुदा ...
तू ही मेरी इबादत ...तू है मेरा खुदा...

सोमवार, 7 जुलाई 2008

तुम्हे बेहद प्यार करते हैं....

चलो कह ही देते हैं तुम्हें की हम तुम पर जान निसार करते हैं
हर घड़ी खुली आँख से बस तेरा इन्तेज़ार करते हैं,
अपने हाथों की लकीरों में भी ना इसे समेट पओगे,
हम तुम से इतना ज्यादा ही प्यार करते हैं।
अपनी जुल्फों में बसा लो मुझको तुम खुशबु की तरह
हम बादल की तरह तुमको बहार करते हैं,
चलो मौसम की तरह तुम मुझे चित्रांकित करो
चलो बारिश की तरह हम तुझपे फुहार करते हैं...
....आ जी भर के तुझको प्यार करते हैं......
आंखों में तुझको भरते हैं ......यूँ उम्र गुजारा करते हैं...

गुरुवार, 3 जुलाई 2008


मेरे बच्चे मेरे कलेजे टुकड़े ,चैन की नींद में तू है गाफिल
पापा के सीने से लग केर,तू फरिश्तों में हो गया शामिल
मेरी धडकनों को सुन कर तू मंद मंद मुस्काता है ,
तुझे देख केर खुदा भी न जाने क्यूँ शर्माता है,
मेरे बच्चे मेरे लखते-जिगर ,तू आया है जीवन में उजाला लिए,
तुझे पा कर यूँ लगा मुझको, खुदा ने सारी मुझे ही हैं दिए।
तू जो आया तो जीवन में बहार आयी, हवा आयी और घटा भी आयी
तेरे आने ऐ मेरे बच्चे ,हर तरफ़ बस खुशियाँ ही हैं छाई.