कुछ कही कुछ अनकही
अपने विषय में क्या कहूँ....लिखना मुझे अच्छा लगता है...लिखता हूँ क्यूंकि जीता हूँ...
मेरे बारे में
Vijuy Ronjan
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
मंगलवार, 24 जून 2008
मुझे तुम याद आते हो
Khuda se roz teri salamati ki dua kerta hun,
yun her waqt main tujhme hua kerta hun।
Teri aankh me jab bhi aansu aaye,
apne hothon se main unko chhua kerta hun।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें