अपने विषय में क्या कहूँ....लिखना मुझे अच्छा लगता है...लिखता हूँ क्यूंकि जीता हूँ...
कभी अपने हाथों की लकीरों से चुरा लूँ तुमको
कभी अपने दामन में ताओं सा सजा लूँ,
कभी तपती धुप में सावन सा बरस जाओ तुम भी
कभी ठंडक में गिलाफों का सा मजा लूँ।
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