मंगलवार, 2 सितंबर 2008

तेरा ख्याल चाँद रात और नींद


कैसे कैसे ख्वाब दिखाए मुझको तेरी आंखों ने,
चेहरे पे है आब निखरे मुझको तेरी आंखों ने।
मेरी आँख बड़ी सूनी है तुम बिन ‘ओ मेरी सजनी,
बनाये सुंदर कजरारे उनको तेरी आंखों ने।
जब जब मन मेरा उदास हो जाता है तुझ बिन,
यादों की बारिश कर जाए मुझ पे तेरी आंखों ने।
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आपकी आँखें बहुत खूबसूरत हैं, काजल उसमें रोज़ लगाया कीजिये।
अपनी पेशानी पे मेरे प्यार का सूरज चमकते बिंदी सा सजाया कीजिये।
आपके होंठ बहुत नाज़ुक हैं जानम ,शबनमी बूंदों से उन्हें नहलाया कीजिये।
जब भी मेरी याद बेचैन करे आपको, पलकें बूंद कर मुझको पाया कीजिये।
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अपनी जुल्फों को सितारों के हवाले कर दो,
अपनी मुस्कराहट बहारों के हवाले कर दो।
आपकी दोनों पलकें नींद में डूबने लगी हैं,
उन्हें तुम मेरे इशारों के हवाले कर दो।
थक गए हो चलो सो जाएँ ham दोनों ,
मुझसे लिपट ख़ुद को नींद के हवाले कर दो।
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रात को तोहफा-ऐ-रात नही देते,
दिल को तोहफा-ऐ-ज़ज्बात नही देते।
वैसे तो आपके लिए चाँद भी ला देता
पर “चाँद” को तोहफा-ऐ-चाँद नही देते।
जिसे एक बार अपना दिल दे दिया,
उसे कभी फ़िर दर्द-ऐ-दिल नही देते।
जो ख़ुद ही खुदा हो गया हो आज कल ,
कभी उसे खुदा का कोई पैगाम नही देते।
जो आँख में काजल की तरह बस जाता है ,
उसे कभी भी तोहफा-ऐ-शाम नही देते।
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मेरे गीतों को तुम जो गा दो, गीत अमर हो जायेगा।
तुम फूल बन खुशबु बिखेरो, मेरा दिल भ्रमर हो जायेगा ।
तुमको देख तस्वीर बना लूँ , ऐसा हो जाए जिस दिन,
वो पल वहीँ रुक जायेगा और अमर हो जायेगा।
मेरे दिल की धड़कन सुन लो मेरी प्राण प्रिये,
जो गाओगे गीत तुम, वह मेरा स्वर हो जायेगा.

3 टिप्‍पणियां:

manvinder bhimber ने कहा…

सुंदर ख्याल है....
ख्याल न जाने कहाँ कहाँ भटकते रहते हैं ......
इन पर किसी का जोर नहीं है.

तरूश्री शर्मा ने कहा…

अपनी जुल्फों को सितारों के हवाले कर दो,
अपनी मुस्कराहट बहारों के हवाले कर दो।
आपकी दोनों पलकें नींद में डूबने लगी हैं,
उन्हें तुम मेरे इशारों के हवाले कर दो।

अच्छा लिखा है... खूबसूरत ख्याल।

vineeta ने कहा…

सुंदर लेखन और सुंदर ख्याल ....