मंगलवार, 5 जनवरी 2010

वक्रतुंड

यह चित्र मेरे उन् कई गणपति के पेन स्केच का एक हिस्सा है जिसे रंग भर मैंने अपने घर के दीवार पे टांगने की हिम्मत जुटाई । इसे भी मैंने वर्ष १९९९ में ही चित्रित किया था...
--निहार खान

3 टिप्‍पणियां:

Rajeysha ने कहा…

उस हि‍म्‍मत के लि‍ये शुक्रि‍या क्‍योंकि‍ वही आपके जि‍न्‍दा होने का सुबूत है।

ghughutibasuti ने कहा…

कला की समझ नहीं किन्तु आपका प्रयास अच्छा लगा।
घुघूती बासूती

vedvyathit ने कहा…

han aap ne himmt dikhi hai kyon ki log jahilon ke dr se sch ka samna krne dr jate hain
doose ka smman krna hi schchi manvta hai.
aap ko nmn hai
dr.vedvyathit@gmail.com