आँख में काजल लगा उनका मुझको देखना,
साँस की खुशबु से उनका मुझको महकाना।
फिर बड़ी मासुमिअत से गीली जुल्फों को,
झटक केर मुझको भिगोना, अच्छा लगता है।
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अगल बगल बैठे हम दोनों करते घंटों प्यारी बात,
अगल बगल बैठे हम दोनों करते घंटों प्यारी बात,
पता नही कब दिन है बीता ,बीते है कब काली रात।
बस अरमान दिल में है अपने कट जाए यूँ ही जीवन
मुझमें महके तेरी साँसे, तुझमे मिले मुझको स्पंदन ।
चारो तरफ़ हमारे जानम प्यार ही प्यार पले,
हाथ में दिए हाथ हम एक दूजे के संग चले।
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तू मुझको मैं तुझको देखूं, जीवन यूँ ही कट जाए।
तू मुझको मैं तुझको देखूं, जीवन यूँ ही कट जाए।
एक दूजे का सुख दुःख जानम, आपस में ही बाँट जाए।
सुख के लंबे दिन हो अपने, दुःख की रात नही आए,
खुशियाँ बरसे आँगन अपने, गम के बादल छाँट जाए।
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तू जो मुस्कुराये तो रूठी बहार आजाये,
तू जो खिलखिलाए तो बजे जलतरंग।
तू जो खोल दे अपनी आँख, तो बिखर जाए सुबह का रंग।
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मैं बारिश की एक बूँद हूँ टूट के बिखर जाऊँगा।
अपने होठों पे सजा लो तो मैं ठहर जाऊँगा।
जो तेरे आँचल से लग जाऊं तो सितारा बनू,
आँख का काजल जो बनू तो निखर जाऊँगा ।
बस गीत लिखता रहूँ ... लिखता रहूँ तेरी खातिर,
और फिर वो ही गीत गा के तुझे मैं सुनाऊंगा।
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3 टिप्पणियां:
कोमल भावनायें बडी ही खूबसूरती से अभिव्यक्त की हैं आपने..बधाई स्वीकारें..
***राजीव रंजन प्रसाद
मैं बारिश की एक बूँद हूँ टूट के बिखर जाऊँगा।
अपने होठों पे सजा लो तो मैं ठहर जाऊँगा।
बहुत ही सुन्दर भाव, एक सुन्दर कविता, धन्यवाद
बहुत बढिया.लिखते रहें.
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