गुरुवार, 15 मार्च 2012

नयन पलक ......

नयन पलक जब उठत हैं,
चहुँ बिखर जात हैं धूप
हर लेता मन का दुःख विषाद ,
प्रिया का अप्रतिम यह रूप
सब कुछ तो है पा लिया ,
पाय प्रिया का निश्छल प्यार
जीवन में नहीं अब कोई कमी,
जब से पायो प्रियतमा अनूप
मन से कभी मिट सका ,
तेरे दिव्य दरस की चाह
पल पल करता मन याद तुझे ,
पल पल उठती दिल में हूक
बिन तेरे सब कुछ सून है ,
ही रंग ही मधुर संगीत
तुझसे ही मुखरित वाणी मेरी,
बिन तेरे मैं तो रहता मूक
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कौन है जो याद करता है मुझे ,
कौन है जो संग मेरे गा रहा -
कौन है जो उमड़ घुमड़ कर बादलों सा ,
मेरे प्यासमन को है तरसा रहा .....
किसकी आँखें देखती हर पल मुझे ,
कौन मेरे दिल की धड़कन सुन रहा -
किसकी साँसों में महक उठता हूँ मैं ,
कौन मेरे लब से रंगत चुन रहा .....
किसकी जुल्फें रात का साया बनी ,
कौन है जो मदहोश मुझको कर रहा -
किसकी आँखों के समंदर में डूब कर,
ज़िन्दगी का मय ये शायर है पी रहा ....
क्या कहूँ तुमसे मैं तुम सब जानती हो ,
जो भी है वो उसको तुम पहचानती हो -
आईना भी देता है तेरे प्रश्न का उत्तर,
पर इस हकीकत को नहीं तुम मानती हो.....
चलो कह ही देता हूँ की तुम मेरा प्यार हो ,
मेरी कविता में प्रतिबिंबित उदगार हो -
दिल की धडकनों में गुम्फित तुम हो प्रिये,
तुम ही मेरे जीवन का अद्भुत श्रृंगार हो....

6 टिप्‍पणियां:

संगीता पुरी ने कहा…

चलो कह ही देता हूँ की तुम मेरा प्यार हो ,
मेरी कविता में प्रतिबिंबित उदगार हो -
दिल की धडकनों में गुम्फित तुम हो प्रिये,
तुम ही मेरे जीवन का अद्भुत श्रृंगार हो....

वाह .. क्‍या बात है !!

संध्या शर्मा ने कहा…

चलो कह ही देता हूँ की तुम मेरा प्यार हो ,
मेरी कविता में प्रतिबिंबित उदगार हो -

बहुत सुन्दर भाव...

Amrita Tanmay ने कहा…

अद्भुत श्रृंगार और प्रेम से पगी सुन्दर रचना के लिए बधाई..

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

दोनों रचनाओं में गहन अनुभूतियों की सुन्दर अभिव्यक्ति है...
हार्दिक बधाई.

Anupama Tripathi ने कहा…

वाह ... बहुत सुंदर रचना ...
बधाई एवं शुभकामनायें ...!

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

बहुत प्यारी रचनाएँ..........

अनु