मंगलवार, 2 अगस्त 2011

आखरी मुलाकात

वो मुझसे मिल कर घर गया होगा,
और फिर बिस्तर पे गिर गया होगा।
दिल कब से उसका भरा भरा होगा,
उसने रो कर तकिया भिगोया होगा।
ये मुलाकात आखरी मुलाकात हो शायद ,
यह सोच कर वो चुप हो गया होगा ।
वो जानता है की उसके बिन शायद,
ये शख्स बिलकुल ही मर गया होगा।
देखता रहता है रात दिन उसकी तस्वीर,
उसकी जुल्फों में वो बादल हो गया होगा।
उसके होठों पे रख के उँगलियाँ अपनी,
वो खामोशियों में उसको सुन रहा होगा।
उसे उसकी आदत हो चुकी है अब हर पल,
आवारा सा हर जगह उसे ढूंढ रहा होगा ।
हर एक आहट पे अपने दरवाज़े पे आके ,
शब के सन्नाटों में उसको तलाशता होगा।
वो आएगा ,ज़रूर आएगा फिर लौट कर ,
उसने मन ही मन दिल से ये कहा होगा ।
आँखें उफनती सागर सी हैं उसकी और,
उसमे घुल कर वो काजल सा बह गया होगा,
थरथराते लब से उसका नाम लेकर फिर वो ,
खुद ही उसकी प्रतिध्वनि वो सुन रहा होगा ।
वो जानता है की उसके बिन जी नहीं पायेगा,
जीने के वास्ते यादों के फूल वो चुन रहा होगा।
वो शख्श तेरा दीवाना है अपने ही किस्म का ,
अपनी दीवानगी का किस्सा वो बुन रहा होगा।

12 टिप्‍पणियां:

vandana gupta ने कहा…

आखिरी मुलाकात का बहुत ही मार्मिक चित्रण किया है।

Amrita Tanmay ने कहा…

जीने के वास्ते यादों के फूल को चुन कट सहेज कर रखना पड़ता है .उसकी खुशबू को हमेशा नथुनों में महसूस किया जाता है . अच्छा लिखा है. उम्दा , बेहतरीन

रश्मि प्रभा... ने कहा…

dil ko chhuti rachna...

विभूति" ने कहा…

बहुत ही भावपूर्ण रचना.... सारे भावो को एक रचना पिरो दिया आपने...

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत खूबसूरत रचना

Unknown ने कहा…

Bahut kuchh sametati hui sundar rachana

Unknown ने कहा…

Bahut kuchh sametati hui sundar rachana

Vaanbhatt ने कहा…

आखिरी मुलाकात में भी दूसरे का ख्याल...प्रभावित करने वाला है...

Amrita Tanmay ने कहा…

Lagta hai kafi vyst hain .. sab thik to hai na ... aap jald aayen aisi shubhkamna hai hamaari..

Amrita Tanmay ने कहा…

आप इतना व्यस्त है कि ब्लॉग पर बिलकुल नहीं आ पाते हैं . कुछ रचना डालिए .आपको भी अच्छा लगेगा .

Patali-The-Village ने कहा…

बहुत ही सटीक और भावपूर्ण रचना। धन्यवाद।

Vijuy Ronjan ने कहा…

pukar ansuni nahi kar paaya...koshish karunga ki apni rachnadharmita ko nibhata rahun...jagane ke liye shukriya.