बुधवार, 27 अप्रैल 2011

सुन भाई साधो...

(मेरी यह कविता मेरा निज का आर्तनाद है...यह किसी व्यक्ति विशेष या समुदाय या कार्यक्षेत्र या अन्य किसी पर भी कोई आक्षेप नहीं है।अगर फिर भी किसी को चोट पहुँच रही हो, तो मैं क्षमा प्रार्थी हूँ.)


सुन भाई साधो, सुन भाई पीर,
देश की हालत अति गंभीर।


चोर सभासद राजा डाकू,
गर्दन पर फेरे सब चाकू,
चोरी कर बन गए अमीर,
देश की हालत अति गंभीर।


खेलत हैं सब खून की होली,
फेंके बम और मारे हैं गोली,
बंगाल हो या हो वो कश्मीर,
देश की हालत अति गंभीर।


दहेज का यहाँ खुला है गेट,
जैसा हो लड़का वैसा ही रेट,
अग्नि समाधि लेती सब हीर,
देश की हालत अति गंभीर।


लड़की होत विचित्र यहाँ प्राणी,
घूरे जिसको मूरख और ज्ञानी,
होत हरण नित उनका चीर,
देश की हालत अति गंभीर।


दे डोनेशन और करी पढ़ाई,
दिया घूस और नौकरी पायी,
अब खावत हैं सरकारी खीर,
देश की हालत अति गंभीर।


पाँव के नीचे सिकुड़ी धरती ,
खुली हवा भी नहीं है मिलती,
दूनी हो गयी आदम की भीड़,
देश की हालत अति गंभीर।


कुर्सी हेतु होत महाभारत,
होवइ पूरा जिससे स्वारथ,
बाप मरे है हर बेटा अधीर,
देश की हालत अति गंभीर।


राजा ढोंगी परजा ढोंगी,
भक्त और भगवान भी ढोंगी,
ढोंगी हैं सब यहाँ फकीर,
देश की हालत अति गंभीर।


बेच बाच कर देश को खाते,
कुछ बचता तो घर ले जाते,
म्हारी आँखों से बहत है नीर,
देश की हालत अति गंभीर।


हवा प्रदूषित नदी प्रदूषित ,
पूरी की पूरी सदी प्रदूषित,
है दूषित गंगा जमुना तीर,
देश की हालत अति गंभीर।


सब भाई से है यही दुहाई,
देश को समझो अपनी माई,
और बाँट लो सब उसका पीर,
देश की हालत अति गंभीर।


मन में लेना इतना ठान ,
सत्य आचरण और ईमान,
यही तुम्हारा हो सिर्फ तूणीर,
देश की हालत अति गंभीर।
-नीहार

6 टिप्‍पणियां:

रश्मि प्रभा... ने कहा…

दहेज का यहाँ खुला है गेट,
जैसा हो लड़का वैसा ही रेट,
अग्नि समाधि लेती सब हीर,
देश की हालत अति गंभीर।
bahut badhiyaa

Amrita Tanmay ने कहा…

Desh ki halat si hi aapki lekhani aur bhav hai...sabhi bhai aapki guhar jara sa bhi sun le to halat badal sakta hai..badhai....

रंजना ने कहा…

आपने असंख्य हृदयों की पीड़ा को सार्थकता से अभिव्यक्ति दी है अपने इस रचना में...

मर्म को छूती और झकझोरती,सार्थक प्रभावशाली,बहुत ही सुन्दर रचना...

daanish ने कहा…

खेलत हैं सब खून की होली
फेंके बम और मारे गोली
बंगाल हो या हो वो कश्मीर
देश की हालत अति गंभीर...

आज के हालात का
बहुत सटीक और सार्थक अलफ़ाज़ में
काव्यमय सफल प्रस्तुतिकरण...
बहुत प्रभावशाली कृति !!

अभिवादन .

Apanatva ने कहा…

sarthak lekhan kavita lakho karodo jan manas ke dil kee baat abhivykt kar rahee hai...
aabhar

Sunil Kumar ने कहा…

संवेदनशील रचना , कुछ सवालों का उत्तर दे मांग रही है बहुत अच्छी लगी , बधाई