शुक्रवार, 2 अप्रैल 2010

उनके जाने से मौसम रंगत बदल रहा है.

नम हुयी आँख मेरी और दिल बैठा जा रहा है,
या खुदा उनके जाने का दिन करीब आ रहा है।
घर आये तो रौशनी का झूमर खिल उठा जैसे,
उनके जाने का ख्याल मुझे अब खाए जा रहा है।
उनके क़दमों की आहट सुन बुलबुलें गाने लगी ,
उनके जाने की बात सुन कोई मर्सिया गा रहा है।
वो आये तो जैसे हवाओं में खुशबु सा छा गया है,
उनके जाने की सुन मौसम भी रंगत बदल रहा है।
जिंदगी में रौनक है उन्ही से औरहै उनसे खुशबू भी,
वो हैं तो सब है इस बात का एहसास वो दिला रहा है।
-नीहार