मन मेरा आवारा बादल,घूमे इधर उधर है,
फूल फूल पत्ते पत्ते से पूछे सजन किधर है।
इंतज़ार कर कर के आँखें कब की निचुर गयी,
ह्रदय की धमनी धरक धरक कर देखो सिकुर गयी,
ना चिठिया ना कोई पाती, ना ही कोई ख़बर है,
फूल फूल पत्ते पत्ते से पूछे सजन किधर है।
तुम बिन मेरे जीवन में सब कुछ है मुरझाया सा,
रात अगर बेचैन रही तो दिन भी है बौराया सा,
भूल गया हूँ अपनी मंजिल,खोया हुआ डगर है,
फूल फूल पत्ते पत्ते से पूछे सजन किधर है।
चीड़ वनों की मदमाती गंधों ने तुमको याद किया,
झरनों के कल कल निनाद ने तुमसे है फरियाद किया,
तुम बिन जो मेरा है वो ही उनका भी हुआ हसर है,
फूल फूल पत्ते पत्ते से पूछे सजन किधर है।
ठंडी मस्त बयारों ने भी कह दिया मुझको मेरा हाल ,
जीव जंतु सब प्राणी की आंखों से झांके यही सवाल,
कौन है वो शमा जिस पर तू जलता रोज़ भ्रमर है,
फूल फूल पत्ते पत्ते से पूछे सजन किधर है।
एक तुम ही मेरे हो अपने बाकी सभी पराये हैं,
कुछ उखरे उखरे से हैं,और कुछ कतराए हैं,
रूठी हुयी हवा है तुम बिन,रूठा हुआ शज़र है,
फूल फूल पत्ते पत्ते से पूछे सजन किधर है।
तस्वीरों से दिल बहलाता माजी में मैं जीता हूँ,
यादों के धागों से मैं तो चाक जिगर को सीता हूँ,
तुम बिन जीवन सूना सूना, जैसे कोई कहर है,
फूल फूल पत्ते पत्ते से पूछे सजन किधर है।
अब तो आ जाओ की मेरे जीवन को श्रृंगार मिले,
चिड़ियों को मीठी तान और फूलों को फ़िर बहार मिले,
तुमसे ही तो शाम है मेरी, और तुमसे ही हुआ सहर है,
फूल फूल पत्ते पत्ते को कह दूँ सजन इधर है।
(इस कविता को दुबारा यहाँ प्रस्तुत कर रहा,पूर्व में इसे अगस्त २००८ में प्रस्तुत किया था।)
11 टिप्पणियां:
bahut hi badhiyaa
बहुत ख़ूबसूरत रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई !
तुमसे ही तो शाम है मेरी, और तुमसे ही हुआ सहर है,
फूल फूल पत्ते पत्ते को कह दूँ सजन इधर है।
बहुत ख़ूबसूरत रचना...
अच्छे भाव .आभार.
खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
नेह और अपनेपन के
इंद्रधनुषी रंगों से सजी होली
उमंग और उल्लास का गुलाल
हमारे जीवनों मे उंडेल दे.
आप को सपरिवार होली की ढेरों शुभकामनाएं.
सादर
डोरोथी.
virah vedna ko bahut bhavpoorn dhang se vyakt kiya hai aapne.mere blog "kaushal"par aane ke liye hardik aabhar.
भावनाओं का बहुत सुंदर चित्रण . ...बधाई
बहुत खूबसूरती से अपने भाव व्यक्त किये हैं ..
bahut khoob.............
Meethee kasak se bhari.....pyari geet...kuch spandit kar gaya ....achchha laga..
waah!!!!!!!!!11bahut sundar..maza aaya padhke...
एक टिप्पणी भेजें