मेरे सपनो को नया रंग दो,
जीवन भर तुम मेरा संग दो।
जीवन भर तुम मेरा संग दो।
पतझड़ में भी रहे जो हरी सी,
मन में मेरी ऐसी उमंग दो।
मन में मेरी ऐसी उमंग दो।
रहूँ सोचता हर घडी मैं जिसको,
प्यार की वो मीठी तरंग दो।
प्यार की वो मीठी तरंग दो।
कागज़ से कोरे इस मन को,
अपने प्यार के रंग से रंग दो।
अपने प्यार के रंग से रंग दो।
चन्दन चन्दन महकूँ हरदम,
मेरे जीवन को ऐसी सुगंध दो ।
मेरे जीवन को ऐसी सुगंध दो ।
अमृत बन जो बरसे हरदम ,
मुझे रस पूरित वही मकरंद दो।
मुझे रस पूरित वही मकरंद दो।
मिल ना सका जो अबतक मुझको,
जीवन को ऐसी उमंग दो।
जीवन को ऐसी उमंग दो।
प्यार में पगी कविता सी कोई,
जीवन को तुम नया प्रसंग दो।
जीवन को तुम नया प्रसंग दो।
-नीहार
4 टिप्पणियां:
bhut hi pyari touching panktiya hai...
रहूँ सोचता हर घडी मैं जिसको,
प्यार की वो मीठी तरंग दो।
कागज़ से कोरे इस मन को,
अपने प्यार के रंग से रंग दो।
एक नेक और सच्चा आहवान कौन मना करेगा ....सुंदर भावनाएं ...आपका आभार
भाव भीनी कविता,सुन्दरता से अभिव्यक्त है,प्रवेश करती हुई..सुन्दर रचना
Bahut Sunder Bhavabhivykti...
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