बुधवार, 7 जनवरी 2009

नए साल की नयी सुबह का पहला सलाम....तेरे ही नाम...

नए साल की नयी सुबह का पहला सलाम भेजूं,
कोयल की मीठी तान चुरा प्यार का पैगाम भेजूं।
महकती फूल से चुरा कर उस्सकी भीनी सी खुशबु,
हवाओं में उसकी खुशबु घोल बस तेरे ही नाम भेजूं।
गुल भेजूं गुलशन भेजूं और गुल-ऐ-गुलफाम भेजूं,
सागर भेजूं, दरिया भेजूं और जंगल तमाम भेजूं।
नगर भेजूं,क़स्बा भेजूं पूरा का पूरा गाम भेजूं,
सुबह भेजूं,दोपहर भेजूं, मयकश ये शाम भेजूं।
बसंत भेजूं, पावस भेजूं,सावन का जाम भेजूं,
जारे की धुप, गर्मी की बयार,बारिश झमाम भेजूं।
जो भी है मेरे पास वो चीज़ें सर- ऐ-आम भेजूं,
दिल भेजूं, जिगर भेजूं, अपनी साँसे तमाम भेजूं।




1 टिप्पणी:

Unknown ने कहा…

bahut hi acchi kavita ...bahut accha likha hai aapne...