शनिवार, 27 सितंबर 2008

नींद को आँख में उतर जाने दो, याद को ख्वाब बन बिखर जाने दो।
खुशबु बन हर वक्त साँसों में महको तुम, गीत बन धड़कनों में बिखर जाने दो।
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आँख में मोती पिरो के रखते हो, मेरी यादों से टूट बिखर जायेगा।
ये मौसम है प्यार का मौसम, यूँ ही ये प्यार में गुजर जायेगा।
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खुदा का जिक्र जब भी आएगा, तू मेरे तस्सवुर में उतर आएगा।
मेरे चेहरे पे तुम जो नज़र डालोगे, वो तुम्हें आईना नज़र आएगा।
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महकी रहे तू सदा चंदन चंदन सी, दिल में मेरे तू रहे सदा बन के स्पंदन सी।
आँख सदा तुझसे मांगे रौशनी की भीख, मुझमें तू हरदम रहे बनके जीवन सी।
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3 टिप्‍पणियां:

रंजना ने कहा…

बेहतरीन, उम्दा.

वीनस केसरी ने कहा…

दिल को छूती चन्द लाइने जिनको पढ कर सुकून मिला
वीनस केसरी

नीरज गोस्वामी ने कहा…

एक से बढ़ कर एक शेर दिए हैं आपने पढने को...बेहतरीन...
नीरज