बुधवार, 25 जनवरी 2012

नव वर्ष पर शुभकामना सन्देश

( मैं जानता हूँ मेरी चुप्पी किसी को नहीं खली होगी,सिवाय कुछ एक के जिनकी पुकार भी मैंने अनसुनी कर दी....कारण कुछ भी नहीं या यूँ कहूँ की कारण का निराकरण मुझे भी नहीं सूझ रहा था...बस लगा जैसे कुम्भकर्णी नींद सो गया था मैं...अब जगा हूँ तो सोऊंगा नहीं...कोशिश करूँगा की नींद की पलकों पे ख्वाब के फूलों की खुशबु महसूसते हुए शब्दों के रंग में तितलियों की भाषा बोलता रहूँ....इस कृतित्व की डाल पर बस डोलता रहूँ....नए वर्ष की शुभकामना समेत...)

नव वर्ष का शुभ आगमन

नव वर्ष का शुभ आगमन !!
नव वर्ष का शुभ आगमन !!

बीती हुयी हर बात जो दुःख का कारण है बनी ,
बीती हुयी हर याद जो तल्खियों से है सनी,
आने वाले वर्ष में उन सभी का हो हरण !
नव वर्ष का शुभ आगमन !!

आज तक खिलते रहे हम सिर्फ अपने ही लिए,
गंध से भींगे रहे और मकरंद भी खुद ही पिए ,
दूसरों पर भी करें न्योछावर अपना तन ' मन !
नव वर्ष का शुभ आगमन !!

नदी जंगल पहाड़ सभी प्रदूषित हो गए,
आदमी की भीड़ में हम आदमी ही खो गए,
है ज़रूरी यह की अब स्वच्छ हो पर्यावरण !
नव वर्ष का शुभ आगमन !!

बेईमानी
' अनाचार के बढ़ते हुए माहौल में ,
आदमी की कीमतों के गिरते हुए माहौल में,
स्वच्छ रख्हें हम सभी अपना अपना आचरण !
नव वर्ष का शुभ आगमन !!

जाति
धर्म के नाम पर आदमी सब बँट गए,
कोई इधर से कट गए कोई उधर से छंट गए,
आओ आके डाल दें हम उनकी लाशों पर कफ़न !
नव वर्ष का शुभ आगमन !!

आने
वाले वर्ष में हर व्यक्ति का उत्कर्ष हो ,
दुःख का नहीं हो नाम हर जगह बस हर्ष हो,
पतझड़ी जिंदगी में हो बसंत का पुनरागमन !
नव वर्ष का शुभ आगमन !!

नव वर्ष का शुभ आगमन !!
नव वर्ष का शुभ आगमन !!

6 टिप्‍पणियां:

संध्या शर्मा ने कहा…

आप को भी गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें...

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत सुन्दर भाव ..गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें

Vaanbhatt ने कहा…

सुन्दर गीत...गणतंत्र दिवस और नव वर्ष की शुभकामनाएं...

विभूति" ने कहा…

कोमल भावो की और मर्मस्पर्शी.. अभिवयक्ति .......

***Punam*** ने कहा…

आने वाले वर्ष में हर व्यक्ति का उत्कर्ष हो ,
दुःख का नहीं हो नाम हर जगह बस हर्ष हो,
पतझड़ी जिंदगी में हो बसंत का पुनरागमन !
नव वर्ष का शुभ आगमन !!

shubh sandesh.....

Amrita Tanmay ने कहा…

हमें जीवन में आने वाले हर क्षण को शुभ आगमन कहना चाहिए . चाहे वो दुःख का ही क्यों न हो , बीत जाता है . सुख तो ठहरता ही नहीं है . जो भी हो जागना और केवल जागना ही एकमात्र विकल्प है . समाधान भी यही है .आशा है कि सुन्दर जीवन का शुभ आगमन हो..