ये सारे स्केच मैंने वर्ष १९९१ में अपने नागपुर प्रवास के दिनों में(जब मैं पत्नी , जो उस वक़्त वहां प्रशिक्षण ले रही थी के पास जाता था और खाली समय का सदुपयोग यूँ करता था)बनाया था.
यह स्केच लक्ष्मण के मूर्छित होने पर हनुमान द्वारा संजीवनी बूटी लाने के दृश्य को दर्शाता है.
1 टिप्पणी:
बहुत ही सुन्दर !
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