बुधवार, 28 मई 2008

वो गुलाब है


कुछ अपनी बात कहूँ ,कुछ कहूँ तुम्हारी ,
जो मेरा है नसीब ,जो है सबसे प्यारी॥
जिसके लिए लिखता हूँ गाने ,जिसके लिए मैं चित्र बनाओं
जिसके लिए ढून्धू मैं उपमा,जिसके लिए मैं शबनम लाऊं
वो खुश तो मैं खुश रहता हूँ,वो दुखी तो मैं हूँ दुखी ,
वो सुख का सागर ,वो हर्ष की दरिया, उस से मैं हूँ सदा सुखी.

1 टिप्पणी:

kwillz ने कहा…

Nice site, what language is that?