tag:blogger.com,1999:blog-73110275360925197.post6137383947472875000..comments2023-07-05T15:59:12.455+05:30Comments on कुछ कही कुछ अनकही: बादलों सा मन....Vijuy Ronjanhttp://www.blogger.com/profile/05204504837179424572noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-73110275360925197.post-17458038292099753792011-04-05T10:59:04.321+05:302011-04-05T10:59:04.321+05:30मन बादलों सा हो गया है मेरा जबसे,
बिना पंख के हम य...मन बादलों सा हो गया है मेरा जबसे,<br />बिना पंख के हम यूँ ही फिरने लगे हैं....<br /><br />bahut badiya.....poojahttps://www.blogger.com/profile/08487375202677671417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-73110275360925197.post-18752033659885273052011-04-04T07:17:22.007+05:302011-04-04T07:17:22.007+05:30Khubsurat..komal...makhamli...ahsason se bhar gaya...Khubsurat..komal...makhamli...ahsason se bhar gaya...bahut pyari rachana...bahut achchha lagaAmrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-73110275360925197.post-55185980078176876452011-04-02T21:40:31.528+05:302011-04-02T21:40:31.528+05:30हम भी तेरी याद में अब घिरने लगे हैं.....
मन बादलो...हम भी तेरी याद में अब घिरने लगे हैं.....<br /><br />मन बादलों सा हो गया है मेरा जबसे,<br /><br />बिना पंख के हम यूँ ही फिरने लगे हैं....<br /><br />प्रेम पगे सुंदर भाव.... बहुत बढ़िया डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-73110275360925197.post-46089190464423568662011-04-01T22:00:29.600+05:302011-04-01T22:00:29.600+05:30बहुत कोमल अहसास.
बढ़िया रचनाएँ.बहुत कोमल अहसास.<br />बढ़िया रचनाएँ.विशालhttps://www.blogger.com/profile/06351646493594437643noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-73110275360925197.post-12381923147520241152011-04-01T15:43:16.158+05:302011-04-01T15:43:16.158+05:30फूल सब मुरझा गए -
ये सोच कर,
की धरती पर तो -
सि...फूल सब मुरझा गए -<br /><br />ये सोच कर,<br /><br />की धरती पर तो -<br /><br />सितारों का मेला लगा है.....<br /><br />मन बादलों सा हो गया है मेरा जबसे,<br />बिना पंख के हम यूँ ही फिरने लगे हैं....<br /><br />बहुत खूबसूरत अहसासों से भरी है तीनो रचनाये...सुन्दर कल्पनालोक...संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-73110275360925197.post-49892797913176004662011-04-01T10:24:56.501+05:302011-04-01T10:24:56.501+05:30जब भी मुझे -
खुशबु में नहाने का मन करता है,
पलकें ...जब भी मुझे -<br />खुशबु में नहाने का मन करता है,<br />पलकें बंद कर तुम्हारे पास पहुँच जाता हूँ,<br />और फिर -<br />तुम्हारे जुल्फ के साए की खुशबु में नहाता हूँ।<br /><br />अब मुझे भी प्रयोग करना पड़ेगा इस पर ..फिर देखते हैं क्या परिवर्तन आता है ..बहुत सुंदर कोमल प्यार भरे अहसास ..आपका आभारकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.com