tag:blogger.com,1999:blog-73110275360925197.post3458029713799924957..comments2023-07-05T15:59:12.455+05:30Comments on कुछ कही कुछ अनकही: प्रेम कहानी बुन लूँVijuy Ronjanhttp://www.blogger.com/profile/05204504837179424572noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-73110275360925197.post-35225851098292978032008-10-01T19:53:00.000+05:302008-10-01T19:53:00.000+05:30गीत मधुर गाते हैं हम जो लिखते रहते हैं तुम पर,धरकन...गीत मधुर गाते हैं हम जो लिखते रहते हैं तुम पर,<BR/>धरकन से तेरी मैं आ फ़िर कोई नई नवेली धुन लूँ।<BR/>बेहतरीन रचना के लिए बधाईMANVINDER BHIMBERhttps://www.blogger.com/profile/16503946466318772446noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-73110275360925197.post-18013847313337549972008-10-01T16:47:00.000+05:302008-10-01T16:47:00.000+05:30रिमझिम रिमझिम सावन रुत में मन खोजे सजन को,खुली आँख...रिमझिम रिमझिम सावन रुत में मन खोजे सजन को,<BR/>खुली आँख से सपने देखूं , और एक प्रेम कहानी बुन लूँ। <BR/><BR/>वाह जी वाह पढकर मजा आया बेहतरीन रचना के लिए बधाईमोहन वशिष्ठ https://www.blogger.com/profile/00939783274989234267noreply@blogger.com